Project Info
Project Description
INDIAN MEDICAL ASSOCIATION
SHAMLI BRANCH
President:
Dr.Alka Singh
M.B.B.S DGO.MICMCH
Secretary :
Dr.Monal Bohra
M.B.BS.MD Radiologist
मिशन हैल्थ (Mission Health)
हम सभी के अन्दर बीमारी करने वाले बहुत से कारण मौजूद हैं । ये कारण बच्चों , गर्भवती महिला एव गर्भ मे पल रहे शिशु मे भी मौजूद है । इन कारणों की वजह से हम छोटी , बड़ी एवं गम्भीर बमारियो की तरफ बढ़े चले जा रहे हैं । लम्बी बीमारियां (Chronic Diseases) 20-30 साल बाद पता चलती हैं । इन कारणों के मौजद रहने से हमे बहुत सी छोटी एव बड़ी समस्याऍ शुरू से होने लगती हैं । लकिन हम इन समस्याओँ की या तो अनदेखी करते है या फिर इनका लक्षणों के आधार पर समाधान करते रहते है एव धीरे – धीरे हम इनके अभ्यस्त हो
जाते हैं । जानकारी के अभाव में हम इन कारणों को सोचते भी नहीं हैं । चिकित्सा श्रेत्र में इन समस्याओ एवं बीमारियों का सही कारण पता नहीं (Idiopathic ), की श्रेणी में रखा गया है । इन कारणों के छोटी उम्र से ही मौजूद रहने से , बीमारियों की शुरूआत भी छोटी उम्र से ही हो जाती है । लकिन जानकारी के अभाव में हम इन्हे अनदेखा कर रहे है । बीमारियो की प्रथम एव दूसरी अवस्था के लक्षणो का भी सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है ।
तीसरे एवं चौथे दशक में गम्भीर बीमारियों के लक्षण आने और उनका पता चलने के बाद भी हम इन कारणों को सोचते भी नहीं हैं और न ही पता करने (Investigate) की कोशिश करते हैं । ये कारण बीमारी का पता चलने और उसका इलाज करने के बावजूद ज्यो के त्यों बने रहते हैं । कुछ समय पश्चात इलाज करने के बावजूद बीमारी बढ़ती जाती है । एवं अन्य गम्भीर परिणाम सामने आने लगते हैं । हम कम ऊर्जा एवं थकान वाला जीवन जीते हैं। और समय से पहले ही बूढ़े हो रहे हैं । यदि हमे किसी कारण का पता चल भी जाता है तो भी उसका इलाज आंशिक रूप से ही हो पा रहा है । इस कारण हम इन गम्भीर बीमारियों की और पूर्ण रफ़्तार से आगे बढ़ते रहते हैं।
कुछ प्रश्न
- क्या हैं मूल कारण ?
- कैसे पता करें इन कारणों कों ?
- कैसे दूर करे इन कारणों को ?
- हमारे चिकित्सा पाठ्यक्रम (Medical Curriculum) में इन्हें महत्व क्यों नहीं दिया जा रहा है ?
- कारणों का पता चलने के बाद भी इनका उचित इलाज क्यों नहीं हो पा रहा है ?
प्रोजेक्ट चेयरमैन “मिशन हैल्थ”
-डाo अरविन्द तायल
एम.डी. (पैथोलोजी व बैक्टिरियोलोजी)
मो. : 9837400063