हम सभी के अन्दर बीमारी करने वाले बहुत से कारण मौजूद हैं । ये कारण बच्चों , गर्भवती महिला एव गर्भ मे पल रहे शिशु मे भी मौजूद है । इन कारणों की वजह से हम छोटी , बड़ी एवं गम्भीर बमारियो की तरफ बढ़े चले जा रहे हैं । लम्बी बीमारियां (Chronic Diseases) 20-30 साल बाद पता चलती हैं । इन कारणों के मौजद रहने से हमे बहुत सी छोटी एव बड़ी समस्याऍ शुरू से होने लगती हैं । लकिन हम इन समस्याओँ की या तो अनदेखी करते है या फिर इनका लक्षणों के आधार पर समाधान करते रहते है एव धीरे – धीरे हम इनके अभ्यस्त हो
जाते हैं । जानकारी के अभाव में हम इन कारणों को सोचते भी नहीं हैं । चिकित्सा श्रेत्र में इन समस्याओ एवं बीमारियों का सही कारण पता नहीं (Idiopathic ), की श्रेणी में रखा गया है । इन कारणों के छोटी उम्र से ही मौजूद रहने से , बीमारियों की शुरूआत भी छोटी उम्र से ही हो जाती है । लकिन जानकारी के अभाव में हम इन्हे अनदेखा कर रहे है । बीमारियो की प्रथम एव दूसरी अवस्था के लक्षणो का भी सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है ।
तीसरे एवं चौथे दशक में गम्भीर बीमारियों के लक्षण आने और उनका पता चलने के बाद भी हम इन कारणों को सोचते भी नहीं हैं और न ही पता करने (Investigate) की कोशिश करते हैं । ये कारण बीमारी का पता चलने और उसका इलाज करने के बावजूद ज्यो के त्यों बने रहते हैं । कुछ समय पश्चात इलाज करने के बावजूद बीमारी बढ़ती जाती है । एवं अन्य गम्भीर परिणाम सामने आने लगते हैं । हम कम ऊर्जा एवं थकान वाला जीवन जीते हैं। और समय से पहले ही बूढ़े हो रहे हैं । यदि हमे किसी कारण का पता चल भी जाता है तो भी उसका इलाज आंशिक रूप से ही हो पा रहा है । इस कारण हम इन गम्भीर बीमारियों की और पूर्ण रफ़्तार से आगे बढ़ते रहते हैं।
WHEN THESE CAUSES ARE PRESENT FOR A LONG TIME THEN WE ARE MORE PRONE TO SUFFER FROM MANY MINOR AND MAJOR PROBLEMS AND CHRONIC DISEASES. SEVERITY, DURATION, RESPONSE TO TREATMENT AND RECOVERY PERIOD IS PROLONGED IN MAJORITY OF INFECTIOUS AND OTHER ACUTE DISEASES. FEW EXAMPLES ARE…
INCREASED RISK OF CESARIAN SECCTION , BIRTH DEFECTS , PRE & POST TERM LABOR, PERINATAL AND POSTNATAL MORTALITY, FETAL GROWTH RETARDATION, ABORTION, PREGNANCY INDUCED DIABETES AND HYPERTENSION, DELAYED MILESTONES, DEVELOPMENTAL DELAY,POOR SOCIALIZATION, POOR MOTOR SKILL LANGUAGE DELAY,SPEECH PROBLEMS, LOWER IQ, MENTAL RETARDATION, IRRITABILITY, WEAKNESS, HYPOTONIA, ATAXIA, APATHY, TREMOR, INVOLUNTARY MOVEMENTS,SEIZURES,ANOREXIA, FAILURE TO THRIVE,POOR WEIGHT GAIN, LEARNING DISABILITIES, POOR,ACADEMIC PERFORMANCE,BEHAVIOURAL DISORDER ,, ANXIETY,DEPERESSION, FORGETFULNESS,EYE DISORDERS ( REFRACTORY ERRORS), OBESITY,HAIR INFECTIONS (COMMON COLD, PHARYNGITIS,PNEUMONIA),GUMS AND DENTAL PROBLEMS, MENSTRUAL DISORDER (MENORRHAGIA/ DYSMENORRHEA), SLEEP DISORDER, INFERTILITY, GALL BLADDER AND KIDNEY STONES,VARIOUS TYPES OF ARTHRITIS, HEART BURN AND INDIGESTION, ALLERGIES, DIABETES, HYPERTENSION, THYROID DISORDER, DYSLIPIDEMIA, HEART DISEASES, OSTEOPOROSIS, BENIGN AND MALIGNANT TUMOR, NEUROPSYCHIATRIC DISORDERS, AUTOIMMUNE DISEASES ETC.