Mission Health http://themissionhealthcare.org Tue, 04 Jan 2022 10:37:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.18 डायबीटिज में हमारा इलाज गलत क्यों ? http://themissionhealthcare.org/%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%ac%e0%a5%80%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%9c-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%8d/ Wed, 11 Mar 2015 11:55:38 +0000 http://themissionhealthcare.org/?p=4249 Read More]]> हम लंबी बीमारियों(Chronic Diseases) में जो इलाज कर रहे हैं । वह लक्षणों का कर रहे हैं । कारणों का नहीं । यदि हम डायबीटिज का उदाहरण लें तो इसका पता चलने के बाद ऐसी दवाई देते हैं जिससे शुगर कम हो जाये । हम ऐसी दवाई देते हैं जिससे हमारी पैनक्रीयाज ग्रन्थि से अधिक मात्रा में इन्सूलिन निकले या फिर हम इन्सूलिन ही देते हैं । हम ऐसा क्यों कर रहे हैं । क्या हमारे अंदर इन्सूलिन कम निकल रहा है । क्या हमारे अन्दर से निकला हुआ इन्सुलिन काम नहीं कर रहा है । यदि हम डायबीटिज के मरीजों का इन्सूलिन टैस्ट करते हैं तो 85% से भी अधिक मरीजों का इन्सुलिन सामान्य व्यक्तियों से अधिक आता हैं । फिर हमें बाहर से इन्सुलिन देने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है या हम ऐसी दवाई क्यों दे रहे हैं , जिससे कि अधिक इन्सुलिन निकले । इसका मतलब है कि वह सही तरह काम नहीं कर रहा है । क्यों ? वास्तव में इन्सुलिन के न निकलने या फिर उसके सही तरह से काम न करने वाले बहुत से कारण होते हैं । हम इन कारणों को खत्म नहीं कर रहे हैं । इन सभी कारणों से केवल डायबीटिज ही नहीं होती बल्कि शरीर के अन्य बहुत से अंगों और उनके कार्यो में भी परेशानी आती है ।

धीरे – धीरे हमें उन अंगों संबंधित बीमारियाँ भी सामने आने लगती हैं । हमारे इन्सुलिन निकालने वाली पैनक्रीयाज ग्रन्थि के कार्यों में भी कमी आती जाती है । हमारी शुगर की बीमारी की भयानकता भी बढ़ती जाती है । धीरे – धीरे दवाई की मात्रा और फिर इन्सुलिन की मात्रा बढ़ती जाती है । यदि हमें वास्तविक कारण पता होंगे तो हमें जैसे ही पता चलेगा की व्यक्ति को शुगर की बीमारी है तो हम शुगर की बीमारी के लिए दवाइयों के साथ- साथ इन कारणों को भी खत्म करेंगे । ऐसा करने से अंगों पर आगे होने वाले नुकसान का बढ़ना बंद हो जायेगा । शुगर की दवाई या इन्सुलिन की मात्रा बढ़नी बंद हो जाएगी । या फिर उस रफ़्तार से नहीं बढ़ेगी । बहुत से मरीजों में दवाई की मात्रा कम होनी शुरू हो जाएगी । अन्य अंगों पर भी हानिकारक असर नहीं होंगे । वह व्यक्ति अन्य बीमारियाँ होने से भी बच जायेगा ।

इन कारणों को दूर न करने की वजह से ही व्यक्ति को कुछ समय प्श्चात अन्य बीमारियाँ जैसे हाई ब्लड प्रेशर , कोलेस्ट्रोल की अधिकता , हृदय की बीमारी , मानसिक बीमारी , याददाश्त की कमी , हड्डियों एवं जोड़ो की बीमारी , बांझपन (Infertility), नपुंसकता (Impotency) , स्त्रियो में मासिक धर्म की परेशानियाँ , गुर्दे व पित्त की थैली की पथरी , ट्यूमर एवं कैंसर आदि की बीमारियाँ भी सामने आने लगती हैं ।

हमें इन सभी कारणों को एक साथ दूर करना होगा । किसी एक कारण को ख़त्म करने से काम नहीं होगा । आधुनिक विज्ञान के अनुसार अधिकतर कारण पता हैं । फिर क्यों यह सब हमारी उच्च किताबों ( Standard Books ) में नहीं है ।

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